Tuesday, 15 September 2020

2020 sep

ये परदनाशीन क्या है  वजूद मेरा...

तेरे हुस्न के  आगे टिक न सका गुरुर बड़े बड़े नवाबों का ।

खुदा भी कायल है तेरा ,शिकायत करूं तो  किस से ...

जो  तेरी  निगाहों ने छीना चैन मेरे ख्वाबों का,,,




 यह सुबह शुहानी मुबारक हो ,

एक नए दिन की शुरुआत है ।

उठो ज़िन्दगी के मुसाफिर ,

फिर नय तजुर्बों से मुलाकात है।

चड़ते आफताब की लो लेकर ,

कर ब्यक्त जो तेरे जज्बात है।

है प्यार गर तो प्यार कर ,

बेवजह किसी से न डर

तूझे यूंही डराने को ज़माने की खुराफात है।

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