Monday, 28 December 2020

Dec 2020

 थोड़ी मस्ती थोड़ी बात,

यूंही कट जय यह सर्द रात!

तेरा यूं हिचकिचाना,

कर रहा है भवारे को दीवाना !

कुछ गुफ्तगू कर के यह रात फिर ना आयेगी,

गर सोचती रहोगी यूंही तो ,

ज़िन्दगी गुजार जाएगी।

Tuesday, 15 September 2020

Sep2020

 ये   परदानशिं  क्या है  वजूद मेरा...

तेरे हुस्न के  आगे टिक न सका गुरुर बड़े बड़े नवाबों का ।

खुदा भी कायल है तेरा ,शिकायत करूं तो  किस से ...

जो  तेरी  निगाहों ने छीना चैन मेरे ख्वाबों का,,, 



यह सुबह शुहानी मुबारक हो ,

एक नए दिन की शुरुआत है ।

उठो ज़िन्दगी के मुसाफिर ,

फिर नय तजुर्बों से मुलाकात है।

चड़ते आफताब की लो लेकर ,

कर ब्यक्त जो तेरे जज्बात है।

है प्यार गर तो प्यार कर ,

बेवजह किसी से न डर

तूझे यूंही डराने को ज़माने की खुराफात है।

2020 sep

ये परदनाशीन क्या है  वजूद मेरा...

तेरे हुस्न के  आगे टिक न सका गुरुर बड़े बड़े नवाबों का ।

खुदा भी कायल है तेरा ,शिकायत करूं तो  किस से ...

जो  तेरी  निगाहों ने छीना चैन मेरे ख्वाबों का,,,




 यह सुबह शुहानी मुबारक हो ,

एक नए दिन की शुरुआत है ।

उठो ज़िन्दगी के मुसाफिर ,

फिर नय तजुर्बों से मुलाकात है।

चड़ते आफताब की लो लेकर ,

कर ब्यक्त जो तेरे जज्बात है।

है प्यार गर तो प्यार कर ,

बेवजह किसी से न डर

तूझे यूंही डराने को ज़माने की खुराफात है।

Friday, 10 April 2020

April 2020

 इतनी रफ्तार से जो भाग रही थी ज़िन्दगी , कुदरत ने कहा ज़रा ठहर।
कुछ तो हुआ है ,यूंही नहीं बरसा खुदा का यह कहर
सूनी गालियां है सुना सा है यह शहर।
इस कुदरत को जिसे मैं बर्बाद करने चला था ,
कितना नासमझ था खुदके कातिल का घर आवाद करने चला था।

भूला दिया था जो मैंने वह जहन में फिर से आ रहा है।
क्या सोया  हुआ मेरा प्यार मुजे बुला रहा है ।
यूं उनसे मुद्धत्तो से बिछड़े नहीं, आज जो बिछड़े तो सबकुछ फिर से याद आ रहा है।