रूह की खामोशी को समझ सके
उसे हमराज बनायो अपना,
जो हाथ थाम ले तेरा सबके सामने
उसी के साथ जीवन का सजायो सपना ।
तेरा मेरा यह रिश्ता बेनाम रहने दे, नाम देकर बदनाम ना कर।
जो भी है धड़कनों में रहने दे ,
जुबां पर लाकर यह किस्सा सरेआम ना कर।
ज़माना समझ ना पाएगा,
इस नासमझ जमाने का इतना एहतराम ना कर ।
उस हवा के एक झोके ने तेरी खुशबू से क्या मिला दिया,
मेरी रूह अब तक मदहोश है
जाने क्या जादू किया उस भीनी भिनी सी खुशबू ने,
अच्छा खासा दिल मेरा अभी तक बेहोश है।
कभी जो हमारे हमसफ़र थे ,
आज वो हमें याद भी नहीं करते,
मजबूरी होगी कोई उनकी ,
बस यही सोचकर हम खुदा सें कोई फरियाद भी नहीं करते ।
ताउम्र ख्वाबों सी फिर भी गिला तुम्हे
हमने कई देखे हैं दफन बिना जनाजों के।
तुम्हे चिंता दरवान नहीं दरवाज़े पर ,
हमने देखे कई मकान बिना दरवाजों के।
दिल तो कब से घायल है तेरे नैनो के वार से ,
मरहम ढूंढ रहा हूं तेरे मखमली रुखसार से
इतना गारूर अच्छा नहीं ,
ए हसीना कभी मुड़कर देख हमें भी प्यार से।
उसे हमराज बनायो अपना,
जो हाथ थाम ले तेरा सबके सामने
उसी के साथ जीवन का सजायो सपना ।
तेरा मेरा यह रिश्ता बेनाम रहने दे, नाम देकर बदनाम ना कर।
जो भी है धड़कनों में रहने दे ,
जुबां पर लाकर यह किस्सा सरेआम ना कर।
ज़माना समझ ना पाएगा,
इस नासमझ जमाने का इतना एहतराम ना कर ।
उस हवा के एक झोके ने तेरी खुशबू से क्या मिला दिया,
मेरी रूह अब तक मदहोश है
जाने क्या जादू किया उस भीनी भिनी सी खुशबू ने,
अच्छा खासा दिल मेरा अभी तक बेहोश है।
कभी जो हमारे हमसफ़र थे ,
आज वो हमें याद भी नहीं करते,
मजबूरी होगी कोई उनकी ,
बस यही सोचकर हम खुदा सें कोई फरियाद भी नहीं करते ।
ताउम्र ख्वाबों सी फिर भी गिला तुम्हे
हमने कई देखे हैं दफन बिना जनाजों के।
तुम्हे चिंता दरवान नहीं दरवाज़े पर ,
हमने देखे कई मकान बिना दरवाजों के।
दिल तो कब से घायल है तेरे नैनो के वार से ,
मरहम ढूंढ रहा हूं तेरे मखमली रुखसार से
इतना गारूर अच्छा नहीं ,
ए हसीना कभी मुड़कर देख हमें भी प्यार से।
No comments:
Post a Comment