Tuesday, 26 December 2023

Dec 23

 ज़िंदगी बस यूंही हंसते नचाते जी लो ,

बैठ बचपन के यारो के साथ दो घूंट यादों के पी लो ।

ज़िंदगी एक यादों का सिलसिला है ,

खुश वोही है जो कभी न कभी बचपन के यारो से मिला है ।

यूंही मिलने के बहाने ढूंढ लिया करो ,

गमों के वार से फटे ज़िंदगी के अस्तर को दोस्ती के धागे से सिल लिया करो,

बहाना कुछ भी करके यारो 

साल में एक बार मिल लिया करो।

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