ये परदानशिं क्या है वजूद मेरा...
तेरे हुस्न के आगे टिक न सका गुरुर बड़े बड़े नवाबों का ।
खुदा भी कायल है तेरा ,शिकायत करूं तो किस से ...
जो तेरी निगाहों ने छीना चैन मेरे ख्वाबों का,,,
यह सुबह शुहानी मुबारक हो ,
एक नए दिन की शुरुआत है ।
उठो ज़िन्दगी के मुसाफिर ,
फिर नय तजुर्बों से मुलाकात है।
चड़ते आफताब की लो लेकर ,
कर ब्यक्त जो तेरे जज्बात है।
है प्यार गर तो प्यार कर ,
बेवजह किसी से न डर
तूझे यूंही डराने को ज़माने की खुराफात है।