Friday, 11 January 2019

Nazrana dil ka

तेरे रसीले होंठों को देखूं ,या तेरे नशीले नयनों को।।
जिसको भी देखूं मदहोश हो जाता हूं।।
 तुझसे मुहब्बत जबसे हुई ,चाह कर भी होश नहीं मुझे ,
बस तेरी ही यादाओं में डूबा खुद को पाता हूं।।


कभी तूफान कभी सन्नाटा ,
अजब है मेरे यारों की महफ़िल
कभी दिल खोल कर ठहाके,
तो कभी खामोशियों से भरी दरायों सी मंज़िल।।

Paraya kar diya ek din mein ...
Jo kal tak humraaz hone ki baatein kar rahe the...
Humney ek pal ki mulakat mein sabkuch kah diya..
Aur ek woh hain ki bewajah dar rahe the...


कुछ तो है तेरी मुस्कान में जो दिल थम जाता है,
खुदा  ने बड़े इत्मीनान से यह काम किया होगा
कुदरत के कई खूबसूरत नायाब टोफों में एक तेरी हंसी है
खुदा   ने शायद इसे बना कर वह सांचा ही  तोड़ दिया होगा।


शुक्रगुजार हूं इस  ज़िन्दगी का ,की तू मेरा हमसफ़र है।
तू मेरी हंसी ,तू मेरा चैन,तू मेरा जनेजीगर है।
तुझ बिन तन्हा हूं ,तेरे दामन में मेरा जहां है।
कहने को मस्त मौला हूं, पर तू जहां  मस्तानापन मेरा वहां है।
तू है तो मेरा वजूद है नहीं तो अमृत भी मेरा जहर है ।
शुक्रगुजार हूं इस  ज़िन्दगी का ,की तू मेरा हमसफ़र है





तुम गुलाबो पर पड़ीं  सुबह की शबनम ,या कोई पाक आयत हो।
मेरी ज़िंदगी रब्बानी हो गई जिससे तुम खुदा की वो इनायत हो।
शुक्रगुजार मैं उस नूर -ए -इलाही का , की उसकी नजरें करम से तुम मिले ,
और ख़तम हुई  जैसे  खुदा से कोई  पुरानी अदावत हो।
मेरी ज़िंदगी रब्बानी हो गई जिससे तुम खुदा की वो इनायत हो।

Tuesday, 8 January 2019

Dil ke nagame


तेरे चेहरे का तिल बड़ा अच्छा लगता है
तेरा पाक साफ दिल बड़ा अच्छा लगता है।
तेरा मुस्कुराता चेहरा देख कर अपनी सुबह का आगाज करता हूं
तू यूंही मुस्कुराती रहे , बस यही  दुआ  सुबह शाम करता हूं।


तुम्हारी हर सुबह हसीन , तुम्हारी हर शाम रंगीन हो।
जहां भी रहो तुम सदा खिलखिलाती रहो ,तुम्हारी ज़िन्दगी गम विहीन  हो ।।



टूटे हुए दिल के उज़दे हुए गुलशन में ,
जाने कब फिर गुल खिलेंगे।।
ये दिलरुबा ,दिल तोड़के अब यूं बेरुखी न दिखा
की अब बिछडे जाने कब फिर हम तुम मिलेंगे।।
गर जमाना न माना तो तुझे उठा के ले जाऊंगा,
जो तू भी न मानी तो तुझे तुझसे चुरके ले जाऊंगा।।
तेरे संग ही जीवन , तुझ बिन एक पल भी
मुमकिन नहीं की हम जिलेंगे।।
टूटे हुए दिल के उज़दे हुए गुलशन में ,
जाने कब फिर गुल खिलेंगे।।





मध भरे तेरे होंठो का जब खयाल आता है,
चीरता हुआ इक खंजर जिगर में उतर जाता है।।
कभी हाले दिल पूछने तो आ जलिम,
कि तुझे एक नजर भर देखने को को दिल मचल जाता है।।
दीवाना हूं कि हर ढलती शाम को तेरा इंतजार करता हूं,
यूंही तेरे इंतज़ार में मेरा हर पल गुजर जाता है।।
आज शायद तेरा दीदार होगा,२
बस यही सोच कर हर शाम तेरी गली से यह दीवाना गुजर जाता है।।
मध भरे तेरे होंठो का जब खयाल आता है,
चीरता हुआ इक खंजर जिगर में उतर जाता है।।






बहुत खुश था जब कुछ  न था मेरे पास ,तेरे सिवा 
तेरे लिए जहां लेने गया और तुझे ही खो दिया।।
एक वक़्त था तेरी तस्वीर देख कर जिया करते थे ,
और आज तेरी  ही तस्वीर देख कर रो दिया ।।
ये ज़िन्दगी तेरा मिजाज़ क्या है ,
कभी हंसते थे हम  भी खुल कर ,
तूने ऐसी करवट मेरी की हमें गम के समुंदर में ही डुबो दिया ।।
बहुत खुश था जब कुछ  न था मेरे पास ,तेरे सिवा 
तेरे लिए जहां लेने गया और तुझे ही खो दिया।।



आज ना रोको दिल के गुब्बार कहने दो
इससे पहले कि तेरी मेरी दास्तां बदनाम हो जाए।।
उजाले अपनी यादों के साथ रहने दो ,
जाने किस गली में ज़िन्दगी की शाम हो जाए ।।



ये ज़िन्दगी तू ही बता, किससे करें यह दिल गिला
मैंने चांदनी की तमन्ना की थी, पर रात की सीयाई के सिवा मुझे कुछ ना मिला।।


क्या सल्तनत इस जमीं की, क्या ज़न्नत उस आसमां की
तेरा प्यार जो मिले तो , ठुकरा दूं खुदाई दोनों जहां की।।




करीब आते आते उनसे इतने दूर हुए,
की उनके साथ का आंचल तक छूट गया।।
दूरियां कयामत की थी कि कम करते करते सांसों का कारवां टूट गया।।
आज कब्र में भी इंतजार उनके मान जाने का ,

मेरा महबूब को मुझसे बातें करते करते रुढ़ गया।

Monday, 7 January 2019

Dil se

चाहत कारोबार नहीं ,दिलका मसला
इसमें जबरदस्ती नहीं ।
धनदौलत को क्या  बटोरना , बटोरो दोस्ती ।
धनदौलात खर्च हो सकती है ,दोस्ती नहीं।।


हर दुआ में तू , हर अर्जी में तू ,मेरी हर खाव्हिश में तू।
ए खुदा , ऐसी ज़िन्दगी ना देना जिसमे  तू ना हो ।
हर  रहगुजर में तू , हर ख्वाब में तू , मेरे हर अंदाज़ में तू।
तेरे बिन बस हड़मास मैं, जिसमे रूह ना हो।


कई आए कई गए , हल्ला करके ,चीखकर चिल्लाकर।
सन्नाटे ने भी शोर मचाया  जब मैने  सुना कान लगा कर।
ये मेरे दिलके राजदार आ कभी शोर सन्नाटे का सुने ।
दोस्ती की इस डोर में आ मिलकर अपने गम बुने ।


 चला था अकेले ही में ज़िन्दगी से लड़ने।
तेरा साथ मिला तो ज़िन्दगी से प्यार हो गया ।।
यूंही भटक रहा था ज़िन्दगी की अनजान राहों पर ।
तूने जो थामा हाथ मेरा मंज़िल का दीदार हो गया ।।
अब छोड़ के न जाना मेरी सांसों की डोर टू जाएगी ।
अबके जो तू रूठी तो ज़िन्दगी रूठ जाएगी।।
जबसे तुझे देखा है फिर से जीने लगा हूं।
तेरी सांसों से सांस मिलते ही ज़िन्दगी से करार हो गया।।
चला था अकेले ही में ज़िन्दगी से लड़ने ।
तेरा साथ मिला तो ज़िन्दगी से प्यार हो गया


तेरे होठों के जाम  पी जाने को दिल करता है ।
तेरी तस्वीर को देखता हूं तो फिर से जी जाने को दिल करता है।।
मेरा कसूर क्या है बता जब भी तेरी याद आए बस आंख बंद कर के तेरी यादों में खो जाने का दिल करता है।।


Nayana terey nayano ki neend chura loon..
Jab bhi tu nayano ke zharokein bund kare usmey mein khud Ko chupa loon....
Raat bhar yunhi tere khwabon ki rahgujar se gujroon ...
Aur subah subah jab tu palkon ko kholey terey liye sapno  ka ek jahan  saja doon ...

Tere aane se mehfil  jawan ho jati hai...
Yun ruth ke na jayon husn ki malika
Tere jaaney se mehfil sunsan ho jati hai..


Bewafa to zindagi hai...
Ek din zarroor thukraeygi..
Tum ek baar ajma ke to dhekho ..
Khuda kasam Bewafayi bhi bewafa no ho payegi ...

Unkey aane se peheley unki khusboo lekar ke aati hain
Mainey jab bhi kiya intezar unka ..
Mujsey pehley mere dil ka paigam untak pahonchati hai ...
Shukrgujar hoon in hawayaon ka unkey pass na hote huye bhi unka pass hone ka ahsas de jati hain ..


Woh Ashiq hai jo apani mahbooba ki yaad mein aanhein Bharata hai ....
Main  Shayar hoon jo shabdo sey khilwad karata hai...
Ye mere dost dono ko ek taraju mein tolane ki majboori nahin ....
Aashiqi shayar bana sakati hai .. par shayar Ashiq ban zaye yeh koi zarroori nahin .....


टूटे दिल  का दर्द तुम क्या जानो जैनी
खून उबलता है दिल मचलता है
देखने वाले तो जलती शमा देखते है
पर कौन जाने की मोम  के पुतले में बाती  का जिगर जलता है

Tum aur yeh Kudrat

हर रोज़ देखता हूं तुझे और इस कुदरत को
पर एक बात  समझ नहीं आई है।
कौन किसका प्रतिबिंब है और कौन किसकी परछाई है।।

डूबते हुए सूरज की लाली है तेरे गालों पर
 या खिलाती हुई कलियों ने तेरे होठों की रंगत चुराई है।।
इन काली घटायों ने सीखी है अदा तेरी जुल्फों से
या इन वादियों को तुमने हसने की अदा सिखाई है।।

हर रोज़ देखता हूं तुझे और इस कुदरत को
पर एक बात समझ नहीं आई है।
कौन किसका प्रतिबिंब है और कौन किसकी परछाई है।।

तेरे सांसों की गर्माहट चांद की चांदनी से है।
या इन हवाओं ने तेरे बदन की खुशबू चुराई  है ।
शाम का शबाब है तेरे हुस्न से  ।
या इस मौसम ने चंचलता तेरी आंखों पाई है।।

हर रोज़ देखता हूं तुझे और इस कुदरत को
पर एक बात समझ नहीं आई है।
कौन किसका प्रतिबिंब है और कौन किसकी परछाई है।।





तेरे ख्वाबों में खोया रहूं
बस यही सोचकर आंखे बंद करता हूं।।
अकेला तो कभी डरा नहीं मौत से भी
तुझसे मिलने के बाद जाने किस बात से डरता हूं।।
बस उस घड़ी का इंतजार है जब मिलूंगा तुझसे
कैसा होगा वह मंज़र यही सोच सोच कर आहें भरता हूं।।

क्यूं खफा खफा   सा लगता है यार मेरा ,
क्यूं भुझा भुझा सा लगता है फुलझड़ियों सा चेहरा  ।।
तू कहे तो तोड़ लाऊं हंसी कहीं से तेरे लिए ,
यूं अच्छा नहीं लगता मुखेगुल्जार पे झुर्रियों का घेरा ।।


बेनकाब chera


jo dil mein wohi jubaan par ..
Duniya chahe jo bhi samaje..
Dil apana saaf rakhata hoon..
Chhupate hai apana asali chehara log yahan nakabon ke peeche
main apana chehara benakab rakhata hoon.

Ek ladaki baarishyon mein bhigi si paani mein aag lagaiye ,
Yoon kamjor dilon ka imtehaan nahin lete koi  issey samjhaiye...
Haseen hai, jawan hai, udd jati jahan mun chai...         
Aisey hi dilon pe vaar karogi to dhekhana koi diwana na bun jai...

एक वो हैं ,की कुछ काम था आ न  सके
एक हम हैं हर काम छोड़ चले  आए
एक वो हैं कि हमे देख कर भी ना रुके
और एक हम है कि हर मोड़ पे उन्हें रुक रुक कर देखते आए।।।


जख्म दिए है इतने इस जहां ने
की ऐतबार  रहा अपनों पर
तुझे क्या हाले दिल दिखाऊं ए मुसाफिर,
रहने दे पड़ा नक़ाब दिल के ज़ख्मों पर।।।।

dost

दोस्तों से है ज़िन्दगी
वरना हाले दिल किसको सुनाता मैं।।
दोस्ती तेरी मरहम
वरना किस किस से ये ज़ख़्मी दिल छुपाता मैं।।


Dil ko dilse rafata ho to lafazon ki kya zarroorat....

Gar aana hai tujhey to aaja ..
Kyun dhoondata  hai fursat....
Insaan bus kal kya hoga issi se darta hai..
Doston se milana ho to waqt nikalna padata hai...