Sunday, 15 September 2024

Oct 23

 सूरज की पहली किरण भी  ढूंढती है की कहां तुने अपना रुखसार रखा है।

बहिशत का नजारा ही तो है ,जो तुमने नींद की चौखट पर  आफताब पहेरदार रखा है।

(रुखसार meaning cheek 

आफताब means sun

बहिशत means swarg jaisa)


यूं बिजिलियां ना गिरायो

 कई कमजोर दिल वाले भी तेरे हमसफर होंगे।

तेरा कुछ न जायेगा गर थोड़ा नूर कम कर लोगी ,

उनका सोचो जो तेरे कातिल हुस्न के वार से बेखबर होंगे।

Thursday, 2 May 2024

Sep 2023

1. तुम्हारे चहरे पे जो आती  है मुस्कुराहट

मेरी सुबह सुहानी हो जाती है।

लाख चाहूं छुपाना हाले दिल ,

पर जाने कैसे जग जाहिर मेरी कहानी हो जाती है।

तेरी इस कातिल मुस्कुराहट को तो कोई दोष नही देता ,

पर जो कतल हुए है, जाने क्यों  उनकी रुसवाई जमाने को याद जुबानी हो जाती है।


2. सुनहरे दिन अंधेरी रातों का सिलसिला,

कभी देखना अपनी नजर से ।

सपनों की डोर थामे ,

जब कभी गुजरो अपनी रहगुजर से।

कहीं मीठे पलों का श्रृंगार होगा,

कहीं कड़वी यादों का दीदार होगा।

बस यूंही जिंदगी कड़वे मीठे लम्हों का नाम है,

गलतियां तो इंसान करता है,ज़िंदगी तो यूंही बदनाम है।


इक उम्मीद ही तो है

जिसका सहारा है।

गर तुम किसी की रोशनी हो,

तो कोई हमसफर तुम्हारा है।


गर जीना है तो उड़ जा पंख फैलाके,

नहीं तो बैमानी है गर जी तुने हज़र से ।

सुनहरे दिन अंधेरी रातों का सिलसिला,

कभी देखना अपनी नजर से ।

सपनों की डोर थामे ,

जब कभी गुजरो अपनी रहगुजर से।



3. क्या हसीन नजारा है,

बादलों का सफेद मुकुट सर पे 

ढलते सूरज की लाली चहरे पे मलके,

हरी साड़ी में लिपटी ,

देखो कुदरत खड़ी है श्रृंगार करके।

सलेटी संकरी रास्ते , 

जैसे साड़ी पर जरी का जाला हो।

पानी के बहते झरने 

जैसे गले में मोतियों की माला हो।

जितना भी निहारूं , दिल नही भरता ,

न आंख हटती है न ही झुकती हैं यह पलके ।

क्या हसीं नजारा है,

देखो कुदरत खड़ी है श्रृंगार करके