Thursday, 28 October 2021

Oct 2021

 कभी फुर्सत हो तो आना 

इन दिल की आहटो के पीछे ।

Shayad tab pata chale ki कई गम छुपे हैं

इन मुस्कुरहाटों के पीछे। 

किसीने कभी देखा ही नहीं ,

इस दिल को करीब से ।

उन्हें क्या पता कई आंसुओं के 

तालाब हैं ,

इन हंसते मुखोटों के नीचे।

Saturday, 28 August 2021

Aug 2021

सुबह सुबह बस यूंही जब तेरा खयाल आया 

जहन में मेरे एक सवाल आया 

क्या कमी थी के हम हम न हो सके 

क्या कमी थी के तुम तुम ना हो सके 

कभी सोचना तन्हाई में बैठ कर

क्यों जिंदगी में यह मुकाम आया ।।

सुबह सुबह बस यूंही जब तेरा खयाल आया ....

 कोयल की कुहू चिड़ियों का चहचहाना

यूंही तेरी बातों में आकर बहक जाना 

क्या मंजर था वो भी जिसको मैं गुजार आया ।।

सुबह सुबह बस यूंही जब तेरा खयाल आया ...




दिल की लगी हो या दिल्लगी हो तुम,

नहीं जनता मैं ,पर जो भी हो,

मेरी ज़िंदगी की फुलझड़ी हो तुम।

नजर से ओझल गर हो भी जाओ कभी ,

पर मेरी रहगुजर में रहना तुम।

तेरी आवाज मुझ तक शायद कभी ना भी पहुंचे,

फिर भी मुझसे कुछ कहना तुम।

तेरा हर पैगाम , हवाएं मुझतक पहुंचा देंगी

तुम बताओ या ना बताओ ,यह हवाएं मुझे सब बता देंगी।।

हां मुझे शायद हालेदिल बयां कराना आता नहीं , 

क्यों मुझेसे वही बुलवाने की जिद पर अड़ी हो तुम ।

दिल की लगी हो या दिल्लगी हो

नहीं जनता मैं ,पर जो भी हो,

मेरी ज़िंदगी की फुलझड़ी हो तुम।