Monday, 28 December 2020

Dec 2020

 थोड़ी मस्ती थोड़ी बात,

यूंही कट जय यह सर्द रात!

तेरा यूं हिचकिचाना,

कर रहा है भवारे को दीवाना !

कुछ गुफ्तगू कर के यह रात फिर ना आयेगी,

गर सोचती रहोगी यूंही तो ,

ज़िन्दगी गुजार जाएगी।