Sunday, 4 August 2019

Aug19

खुदा ने  खुश होकर पूछा मुझसे ,
क्या चाहिए तुझे बता ,
दोस्त की दोस्ती मांगी मैंने
और कुछ नहीं इसके सिवा ,
ऐसा क्या है दोस्ती में ,खुदा ने
जब सवाल किया,
मैंने भी दिल खोल कर दोस्ती पर बयान दिया,
मेरी इस ज़िन्दगी का आगाज है वो,
मेरे हर जख्म का हमराज है वो,

उसका ख्याल आते ही मैं अपना आज भूल जाता हूं
उसके साथ होने से मैं अपने लड़कपन कि यादों में झूल जाता हूं,
ऐसा है यार मेरा , उसबिन सुना संसार मेरा ।
सुनकर मेरा बयान खुदा का मन भर आया ,
आज मुझे भी एक दोस्त चाहिए ,उसने ये फरमाया
🙏🏻🙏🏻🙏🏻
इस दोस्ती के दिवस पर
खुदा से इल्तज़ा करता हूं
सबको  ऐसा एक दोस्त मिले
बस यही दुआ करता हूं💐💐💐


आ छूपा लूं तुझे अपनी आगोश में
तेरा यह  दर्द देख जिया भी नहीं  जाता ,
अजीब है जस्बात कमबख्त,
जिसकी चाह वो पास नहीं
और याद को उसकी दूर किया भी नहीं जाता ।